
यमुना का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ अलर्ट जारी
नई दिल्ली, 2 सितंबर 2025: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा होने की आशंका है। पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया है और मंगलवार शाम तक 206 मीटर के निकासी स्तर तक पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि निचले इलाकों से लोगों की निकासी का कार्य शुरू हो चुका है और सरकार पूरी तरह तैयार है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति बनी है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस और अन्य एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि नदी के किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए।
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने का असर
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जो सामान्य से कहीं अधिक है। सोमवार शाम 5 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 204.94 मीटर था, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर को पार कर चुका था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, मंगलवार शाम 5 से 8 बजे के बीच जलस्तर 206 मीटर को पार कर सकता है, और 206.50 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। यह पानी दिल्ली पहुंचने में 36 से 48 घंटे लगता है। ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भी जलस्तर बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और हिमालयी क्षेत्र में भूमि उपयोग में बदलाव से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
निकासी और राहत कार्य तेज: प्रभावित इलाकों में कैंप
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सभी बैराज गेट खोल दिए गए हैं ताकि पानी का ठहराव न हो। उन्होंने लोगों से घबराने की नसीहत दी और कहा कि बाहरी इलाकों में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। जिला मजिस्ट्रेटों की निगरानी में मयूर विहार, यमुना बाजार, पुराने रेलवे ब्रिज के नीचे और सिग्नल इकॉनोमी जैसे निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। छह जिलों में लगभग 15,000 लोग निचले इलाकों में रहते हैं, जबकि 5,000 सीधे बाढ़ मैदान पर। राहत कैंप लगाए गए हैं, जहां भोजन, पानी, शौचालय और बिजली की व्यवस्था की गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने पुराने रेलवे ब्रिज पर ट्रैफिक बंद करने का आदेश दिया है। 14 नावें राहत और बचाव के लिए तैनात हैं। सिंचाई मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि स्टॉर्म वाटर को यमुना में पंप किया जा रहा है ताकि ड्रेन से बैकफ्लो न हो।
2023 की बाढ़ की यादें ताजा, लेकिन बेहतर तैयारी का दावा
2023 की बाढ़ में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था, जो 1978 के रिकॉर्ड को तोड़ चुका था। तब 25,000 से अधिक लोगों को निकाला गया था। इस बार सरकार का दावा है कि ड्रेन डिसिल्टिंग, आईटीओ बैराज के गेट खोलने और 24×7 निगरानी से स्थिति नियंत्रण में रहेगी। विजय घाट और टोंगा स्टैंड पर दो रेगुलेटर बंद कर दिए गए हैं। सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स जागरूकता अभियान चला रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ नितिन बास्सी ने कहा कि जुलाई-अगस्त में बढ़ती बारिश की तीव्रता और हिमालय में भूमि उपयोग परिवर्तन से यमुना अधिक संवेदनशील हो गई है। एनजीटी ने यमुना बाढ़ मैदान से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी भी चुनौतियां बाकी हैं।
विशेषज्ञों की सलाह: सतर्कता बरतें, सहयोग करें
मौसम विभाग ने 5 सितंबर तक मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी है। ऊपरी क्षेत्रों में बारिश जारी रहने से जलस्तर और बढ़ सकता है। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर के नितिन बास्सी ने कहा कि वाटरलॉगिंग और स्थानीय बाढ़ की समस्या को मजबूत करने की जरूरत है। निवासियों ने सैंडबैग लगाए हैं। सरकार ने कहा कि प्रभावितों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था लंबे समय तक रहेगी। यह स्थिति दिल्ली की बाढ़ प्रबंधन प्रणाली पर परीक्षा है।
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