
मुजफ्फराबाद मार्च पर फायरिंग, दर्जनों मरे – क्या लद्दाख जैसा गुस्सा पाक को झुका देगा, या दबा देगा?
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आजादी की चिंगारी अब खून की नदियां बहा रही। मुजफ्फराबाद की तरफ लॉन्ग मार्च पर निकले प्रदर्शनकारियों पर पाक आर्मी की फायरिंग – दर्जनों मरे, सैकड़ों घायल। ये सीन देखकर दिल दहल जाता – मांएं रो रही, युवा चिल्ला रहे, लेकिन पाक की दमनकारी मशीन रुकी नहीं। भारत ने पहली बार खुलकर बोला – MEA ने कहा, “ये पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों का नतीजा। पाक को मानवाधिकार उल्लंघन का जिम्मेदार ठहराओ।” क्या ये तंज पाक को आईना दिखाएगा, या PoK का दर्द दबा रहेगा? आइए, इस खूनी ड्रामे की परतें खोलें, जहां गुस्सा, दर्द और उम्मीद सब सुलग रहा।
मुजफ्फराबाद मार्च का खौफ: फायरिंग से खून की होली, दर्जनों जिंदगियां लील ली
PoK के अलग-अलग इलाकों से हजारों लोग लॉन्ग मार्च पर – मुजफ्फराबाद पहुंचकर आजादी की मांग। लेकिन पाक आर्मी ने क्या किया? अंधाधुंध फायरिंग! दर्जनों मरे, सैकड़ों घायल। एक प्रत्यक्षदर्शी बोला, “गोलियां बरस रही थीं, लोग भाग रहे, चीखें गूंज रही।” ये सीन वीडियो में कैद – युवा गिरते, मांएं रोतीं। पाक सरकार किसी भी कीमत पर मार्च रोकना चाहती – लेकिन गुस्सा भड़क गया। MEA का बयान आया – “पाक की दमनकारी नीतियां जिम्मेदार। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाक को कोसा।” सवाल – क्या ये लद्दाख प्रोटेस्ट जैसा होगा?
भारत का पहला तंज: ‘पाक मानवाधिकार का हत्यारा’, MEA ने ठोका चुटकी
विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन रणधीर जायसवाल ने कहा, “PoK में हिंसा पाक की दमनकारी नीतियों का फल। पाक को मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी ठहराओ।” ये पहला आधिकारिक बयान था, जो PoK के दर्द को आवाज देता। जायसवाल ने कहा, “भारत PoK के लोगों के हक के लिए खड़ा।” लेकिन पाक का जवाब? चुप्पी। सवाल – क्या ये तंज अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाएगा? एक विशेषज्ञ बोले, “MEA का स्टैंड साफ, लेकिन एक्शन की जरूरत।”
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PoK का सुलगता दर्द: आजादी की पुकार, पाक की बंदूक
PoK में आजादी की मांग 1947 से सुलग रही। लॉन्ग मार्च में हजारों – महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग। लेकिन पाक आर्मी ने गोलियां चलाईं। दर्जनों शव, घायलों का रोना। एक महिला बोली, “हमारी आवाज दबा रहे, लेकिन हार नहीं मानेंगे।” MEA ने कहा, “पाक की नीतियां जिम्मेदार।” लेकिन सवाल – भारत क्या करेगा? कूटनीति, या मजबूत स्टैंड? PoK का दर्द भारत का दर्द – ये पुकार सुनाई दे रही।
आगे क्या? इंसाफ की उम्मीद, या दमन का सिलसिला?
मार्च जारी, लेकिन खून बह रहा। MEA का बयान उम्मीद जगाता, लेकिन एक्शन कहां? सोशल मीडिया पर #PoKFreedom ट्रेंड, जहां लोग चिल्ला रहे – “पाक को बेनकाब करो!” एक युवा बोला, “भारत हमारा साथी, आवाज उठाओ।” क्या ये हिंसा PoK को आजादी की ओर ले जाएगी, या दबा देगी? दर्द तो साफ है – इंसाफ की पुकार।