
बरेली लाठीचार्ज पर SP नेता का पुलिस को खुला चैलेंज, सोशल मीडिया पर बवाल – क्या ये सांप्रदायिक तनाव की चिंगारी?
लखनऊ, 5 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई, कि समाजवादी पार्टी की महिला नेता सुमैया राणा ने एक पोस्ट से नया बवाल खड़ा कर दिया। बरेली में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज को “शर्मनाक” बताते हुए उन्होंने UP पुलिस को खुला चैलेंज दिया – “अपनी बंदूकों के साथ तैयार रहो, लखनऊ में अब भीड़ नहीं, सैलाब आएगा!”। ये तीखा तंज सुनते ही सोशल मीडिया पर तूफान आ गया, और लखनऊ में FIR दर्ज। BJP ने इसे “भड़काऊ साजिश” बता दिया। क्या ये महिलाओं का गुस्सा है, या सांप्रदायिक तनाव का नया खेल? आइए, इस पोस्ट के पीछे की कहानी में उतरें, जहां गुस्सा, डर और राजनीतिक जंग सब सुलग रहा।
पोस्ट का धमाका: ‘जुल्म सहेंगे नहीं, गोली खा लेंगे!’
सुमैया राणा ने X (ट्विटर) पर लिखा, “बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ कहने पर लाठीचार्ज – ये शर्मनाक है! पुलिस तैयार रहो, लखनऊ में सैलाब आएगा। हम खुशी-खुशी गोलियां खा लेंगे, लेकिन जुल्म बर्दाश्त नहीं करेंगे।” ये शब्दों का तीर था, जो सीधा UP पुलिस के सीने में लगा। पोस्ट वायरल होते ही लाखों व्यूज, हजारों रीट्वीट। समर्थक बोले, “बहनों की आवाज!” लेकिन विरोधी चिल्लाए, “ये तो भड़काने वाली साजिश!” सुमैया, जो SP की महिला विंग में सक्रिय हैं, ने इसे “धार्मिक भावनाओं का अपमान” बताया। लेकिन सवाल – क्या ये चैलेंज शांति बिगाड़ेगा?
FIR का तड़का: ‘सांप्रदायिक तनाव भड़काने’ का आरोप, पुलिस अलर्ट
लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एक तहरीर मिली – “सुमैया की पोस्ट से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा, मुस्लिम समुदाय को भड़काने का प्रयास।” FIR दर्ज – IPC की धारा 153A (सांप्रदायिक नफरत फैलाना), 505 (सार्वजनिक शांति भंग)। इंस्पेक्टर अरुण कुमार जांच में जुटे। SP सिटी ने कहा, “कानून सबके लिए बराबर, सख्त कार्रवाई होगी।” BJP ने तुरंत हमला बोला – “ये SP की पुरानी चाल, तनाव फैलाओ!” लेकिन सुमैया चुप नहीं रहीं – “मैंने सिर्फ दर्द बयां किया, इंसाफ मांग रही।” गुस्सा तो जनता का है – “क्यों दबाई जा रही आवाज?”
बरेली विवाद की याद: पोस्टर से पथराव, अब पोस्ट से बवाल
26 सितंबर को बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर पर विरोध, पथराव, 73 गिरफ्तार। सुमैया ने इसे “जुल्म” बताया, पुलिस को “तानाशाह” कहा। पोस्ट में लिखा, “लोगों ने कुछ गलत नहीं किया, फिर लाठियां क्यों?” ये शब्दों का तीर था, जो लखनऊ तक पहुंच गया। BJP कार्यकर्ता बोले, “ये तो साजिश है, वोटबैंक के लिए।” लेकिन समर्थक चिल्लाए, “महिलाओं का गुस्सा जायज!” सोशल मीडिया पर #JusticeForBareilly ट्रेंड, जहां लोग सवाल उठा रहे – “क्यों दबाई जा रही आवाज?”
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राजनीतिक जंग: SP का ‘महिला पावर’ vs BJP का ‘शांति कार्ड’
SP ने इसे महिलाओं के हक की लड़ाई बताया – सुमैया की पोस्ट को “बहादुरी” कहा। अखिलेश यादव ने ट्वीट – “सच्चाई बोलने वालों को दबाओगे तो सैलाब आएगा!” BJP ने काउंटर – “ये भड़काऊ बयान, कानून हाथ में मत लो।” अमित शाह की चुप्पी ने सस्पेंस बढ़ा दिया। क्या FIR सुमैया को चुप करा देगी, या ये और आग लगाएगी? एक महिला कार्यकर्ता बोली, “ये हम सबकी लड़ाई है।” जंग तेज, लेकिन शांति की उम्मीद बाकी।
आगे क्या? इंसाफ की पुकार, समाज का सबक
FIR हुई, जांच चलेगी, लेकिन सवाल – क्या ये विवाद शांति बिगाड़ेगा? सुमैया का तंज गूंज रहा – “जुल्म सहेंगे नहीं!” पुलिस अलर्ट, शहर सतर्क। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी – “आवाज दबाओगे तो सैलाब आएगा!” क्या ये पोस्ट सियासी तूफान लाएगी? वक्त बताएगा, लेकिन दर्द तो साफ है – इंसाफ की।