
नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की शानदार जीत के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी INDIA गठबंधन के कुछ सांसदों को धन्यवाद देकर क्रॉस-वोटिंग की ओर इशारा किया है। राधाकृष्णन ने 767 में से 452 वोट हासिल कर भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी सुधर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।
राधाकृष्णन की जीत और क्रॉस-वोटिंग का दावा
9 सितंबर को हुए गुप्त मतदान में एनडीए के सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जो संसद में एनडीए की अनुमानित ताकत 427 वोटों से 25 अधिक थी। दूसरी ओर, INDIA गठबंधन के उम्मीदवार बी सुधर्शन रेड्डी को 324 वोटों की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें केवल 300 वोट मिले। 15 वोट अवैध घोषित किए गए, जिसके बाद क्रॉस-वोटिंग की चर्चा तेज हो गई।
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रिजिजू ने लिखा, “INDIA गठबंधन के कुछ सांसदों को विशेष धन्यवाद, जिन्होंने ‘अंतरात्मा’ की आवाज पर एनडीए उम्मीदवार के लिए वोट किया। एनडीए और हमारे सभी मित्र सांसद एकजुट हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मतदान और गिनती पारदर्शी थी, जिसमें दोनों पक्षों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
विपक्ष पर सवाल, AAP और शिवसेना UBT पर शक
विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस के 100%, तृणमूल कांग्रेस के 41 और डीएमके के 34 वोट रेड्डी को मिले। इससे आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना (UBT) पर क्रॉस-वोटिंग का संदेह पैदा हुआ, हालांकि दोनों ने इन आरोपों का खंडन किया। एक विपक्षी नेता ने कहा, “हमें यकीन है कि हमारे प्रमुख दलों के वोट रेड्डी को मिले, लेकिन कुछ वोटों का अंतर समझ से परे है।”
उपराष्ट्रपति पद की पृष्ठभूमि
यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफे के बाद हुआ। राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, ने इस जीत के साथ एक नया अध्याय शुरू किया है।
किरेन रिजिजू के बयान ने उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग की अटकलों को हवा दी है। एनडीए की इस जीत ने न केवल उनकी एकजुटता को प्रदर्शित किया, बल्कि विपक्षी गठबंधन में संभावित दरारों की ओर भी ध्यान खींचा है। यह घटनाक्रम आने वाले समय में राजनीतिक चर्चाओं को और गर्म कर सकता है।