
वॉशिंगटन, 1 अगस्त 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ को बरकरार रखने की घोषणा की है, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान के लिए टैरिफ दरों में कटौती की गई है। भारत के रूस के साथ व्यापार, खासकर तेल खरीदने को लेकर ट्रम्प की “अतिरिक्त पेनल्टी” की धमकी अभी स्पष्ट नहीं है। यह फैसला भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में नई चुनौतियां ला सकता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान को 19% और बांग्लादेश को 20% टैरिफ दर दी गई है, जो पहले क्रमशः 29% और 35% थी। यह कदम वैश्विक व्यापार में अमेरिका की रणनीति को और उजागर करता है।
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टैरिफ लागू होने की तारीख
व्हाइट हाउस के बयान के मुताबिक, नए टैरिफ 7 अगस्त से लागू होंगे। अधिकारियों ने CNBC-TV18 को बताया कि यह कोई समयसीमा बढ़ाने का कदम नहीं है, बल्कि कस्टम विभाग को सिस्टम तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। ट्रम्प प्रशासन ने 40 देशों के लिए 15% टैरिफ और करीब एक दर्जन देशों के लिए ऊंची दरें लागू की हैं, खासकर उन देशों पर जो अमेरिका के साथ व्यापार में बड़ा अधिशेष रखते हैं।
भारत पर क्यों सख्ती?
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने CNBC को बताया कि भारत के साथ अमेरिका की ट्रेड टीम निराश है। उन्होंने भारत के चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों पर सवाल उठाए और कहा कि भारत वैश्विक मंच पर अच्छा रोल नहीं निभा रहा। ट्रम्प ने पहले भी भारत के BRICS गठबंधन में शामिल होने को “अमेरिका विरोधी” बताया था और इसे डॉलर के लिए खतरा माना था। भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने को भी ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में गलत ठहराया।
बांग्लादेश और पाकिस्तान को राहत
पाकिस्तान ने हाल ही में अमेरिका के साथ एक व्यापारिक समझौता किया, जिसके बाद उसे 29% से घटाकर 19% टैरिफ दर मिली। बांग्लादेश के लिए भी टैरिफ 35% से 20% कर दिया गया। यह बदलाव दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीति को दर्शाता है, जहां भारत पर सख्ती बरती जा रही है, जबकि पड़ोसी देशों को राहत दी गई है। कनाडा पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 35% किया गया है, क्योंकि उसने फलस्तीन को स्वतंत्र देश माना।
भारत पर क्या होगा असर?
भारत के लिए 25% टैरिफ और संभावित पेनल्टी निर्यात पर भारी पड़ सकती हैं। खासकर, छह भारतीय कंपनियों पर ईरान के तेल व्यापार के लिए पहले ही प्रतिबंध लग चुके हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के बयानों पर संयम बरतते हुए कहा कि वह स्थिति का अध्ययन कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ भारत के निर्यात को प्रभावित कर सकता है, लेकिन दोनों देशों के बीच चल रही व्यापारिक बातचीत से समाधान की उम्मीद बनी हुई है।
उम्मीद की किरण
ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोस्त कहकर रिश्तों में सकारात्मक संदेश दिया है, लेकिन टैरिफ और पेनल्टी की धमकी ने भारत के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। क्या भारत इस कूटनीतिक और आर्थिक दबाव से उबर पाएगा? यह सवाल हर भारतीय के मन में है, जो अपने देश की वैश्विक स्थिति को लेकर चिंतित है।
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