
चेन्नई में विरोध प्रदर्शन, कर्मचारियों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की
चेन्नई, 20 अगस्त 2025: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा के बाद IT कर्मचारी यूनियन ने कंपनी के खिलाफ तीखा विरोध जताया है। यूनियन ऑफ IT एंड ITES एंप्लॉइज (UNITE) ने चेन्नई में प्रदर्शन किया, जिसमें TCS के शीर्ष प्रबंधन को “क्रूरता का प्रमुख” और “कॉरपोरेट लालच” का प्रतीक बताया। यूनियन ने दावा किया कि कंपनी मुनाफे के लिए अनुभवी कर्मचारियों को हटा रही है और उनकी जगह कम वेतन पर नए लोगों को भर्ती कर रही है। TCS ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि छंटनी केवल 2% कर्मचारियों तक सीमित है।
क्यों उठा विवाद?
UNITE ने आरोप लगाया कि TCS ने जुलाई 2025 में मध्यम और वरिष्ठ स्तर के 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। यूनियन की नेता जननी ने दावा किया कि यह संख्या 30,000 से 40,000 तक हो सकती है। उनका कहना है कि कंपनी अनुभवी कर्मचारियों को हटाकर 80-85% कम वेतन पर नए लोगों को नियुक्त कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने इसे “अवैध छंटनी” करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
TCS का जवाब
TCS ने यूनियन के दावों को “गलत और भ्रामक” बताया। कंपनी ने कहा, “हमारी छंटनी कुल कर्मचारियों के केवल 2% तक सीमित है, जो लगभग 12,000 कर्मचारी हैं। यह एक सामान्य पुनर्गठन प्रक्रिया है, जिसमें प्रभावित कर्मचारियों को विच्छेद पैकेज और नौकरी खोज में सहायता दी जाएगी।” TCS ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम AI के कारण नहीं, बल्कि कौशल बेमेल और भविष्य की तकनीकों के लिए संगठन को तैयार करने के लिए उठाया गया है।
कर्मचारियों की चिंता
कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता जताई। एक कर्मचारी ने लिखा, “TCS मुनाफे के लिए हमें बलि का बकरा बना रही है।” यूनियन ने सरकार से श्रम अधिकारों की रक्षा और उचित मुआवजे की मांग की है। क्या यह विवाद IT सेक्टर में नई बहस छेड़ेगा? यह समय बताएगा।
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