
छात्राओं की चीखें दबीं, ‘गुरु’ का काला चेहरा बेनकाब – पुलिस जांच में सनसनीखेज खुलासे, समाज सिहर गया
नई दिल्ली, 24 सितंबर 2025: वसंत कुंज के शांत आश्रम में छिपी थी एक काली साजिश। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी – नाम से लगता है आध्यात्मिक गुरु, लेकिन 17 छात्राओं ने लगाया यौन शोषण का संगीन आरोप। ये ‘गुरु’ आश्रम में योग और ध्यान सिखाने का बहाना बनाकर लड़कियों को फंसाता था। FIR दर्ज, पुलिस जांच तेज – लेकिन सवाल ये, कितनी जिंदगियां बर्बाद हो चुकीं? आइए, इस डरावनी सच्चाई की परतें खोलते हैं, जहां विश्वास का धोखा, आंसू और गुस्सा सब मिला है।
‘गुरु’ का असली चेहरा: पार्थ सारथी से स्वामी तक का सफर
पार्थ सारथी, 45 साल के इस ‘स्वामी’ ने वसंत कुंज के आश्रम को ‘शांति का द्वार’ बना रखा था। योग, ध्यान और वेदांत की क्लासेस चलाकर सैकड़ों छात्राओं को आकर्षित किया। लेकिन अंदर का काला सच बाहर आया जब 17 लड़कियों ने एक साथ आवाज उठाई। आरोप है कि क्लासेस के बहाने रात के अंधेरे में शोषण होता था। एक छात्रा ने रोते हुए कहा, “हम गुरु मानकर आए, लेकिन ये तो शैतान निकला।” पार्थ का पुराना नाम ‘पार्थ सारथी’ था, जो दिल्ली के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता था। आश्रम 2018 से चल रहा, लेकिन अब ये ‘शर्म का अड्डा’ बन गया।
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17 छात्राओं का दर्द: क्लास से रूम तक का डरावना सफर
शुरुआत योग क्लास से होती – ध्यान के बहाने टच, फिर प्राइवेट सेशन। छात्राओं का कहना है, “शुरू में लगता था आशीर्वाद, लेकिन धीरे-धीरे डर लगने लगा।” शोषण की शिकायतें दबीं रहीं, क्योंकि ‘गुरु’ का डर था। लेकिन एक छात्रा ने हिम्मत जुटाई, और बाकी ने साथ दिया। FIR में लिखा – रात के समय आश्रम के अंदरूनी कमरों में वारदात। पुलिस ने मेडिकल जांच कराई, सबूत जुटाए। एक मां ने आंसू पोछते कहा, “मेरी बेटी का भरोसा टूट गया। ये गुरु नहीं, राक्षस था।” गुस्सा तो है, लेकिन इंसाफ की उम्मीद भी जग रही।
पुलिस का ऐक्शन: FIR से छापेमारी तक, आश्रम सील
दिल्ली पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज की – POCSO एक्ट, रेप और शोषण के तहत। वसंत कुंज थाने ने छापा मारा, आश्रम सील कर दिया। पार्थ फरार है, लेकिन जल्द गिरफ्तारी का दावा। DCP साउथ वेस्ट ने कहा, “हम सभी शिकायतों की गहराई से जांच कर रहे। कोई बचेगा नहीं।” आश्रम से डायरी, मोबाइल और रिकॉर्ड्स जब्त। लेकिन सवाल ये – कितनी छात्राएं चुप हैं? सोशल मीडिया पर #JusticeForVictims ट्रेंड कर रहा, जहां लोग गुस्से से लाल। एक्टिविस्ट ने बोला, “ये आश्रमों की काली सच्चाई दिखाता है।”
समाज का आईना: विश्वास का धोखा, सबक क्या?
ये कांड आध्यात्मिक ठगों की सच्चाई बेनकाब करता है। छात्राएं जो शांति की तलाश में आईं, वो दर्द लेकर लौटीं। परिवार टूटे, भरोसा डगमगाया। लेकिन इन बहादुर लड़कियों की हिम्मत ने उम्मीद जगाई। क्या ये बदलाव लाएगा? आश्रमों में सख्त चेक, या सिर्फ शोर? समाज सिहर गया, लेकिन जागरूकता बढ़ रही। एक छात्रा ने कहा, “हम चुप नहीं रहेंगी।” ये लड़ाई जारी रहेगी।