
नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025: संसद का मॉनसून सत्र अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है, और आज पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। पहले सप्ताह में हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही ठप रही, लेकिन अब दोनों पक्षों ने लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की चर्चा पर सहमति जताई है। यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर केंद्रित होगी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर सरकार का पक्ष रखेंगे।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “100% सफल” करार देते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत के स्वदेशी हथियारों की ताकत को दुनिया के सामने ला दिया। भारत का दावा है कि इस कार्रवाई में पाकिस्तान के कई एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, इस ऑपरेशन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कमी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को लेकर सरकार पर हमलावर है।
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विपक्ष की रणनीति
विपक्षी नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर घेरने की तैयारी में हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि ऑपरेशन सिंदूर को वैश्विक समर्थन नहीं मिला, जिससे भारत की स्थिति कमजोर हुई। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जिन्होंने हमले के बाद सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया था, को विपक्ष की ओर से वक्ता बनाए जाने पर असमंजस है। विपक्ष का कहना है कि सरकार की नीतियों ने भारत को कूटनीतिक रूप से कमजोर किया है।
बिहार मतदाता सूची विवाद
संसद में एक और बड़ा मुद्दा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का है। विपक्ष इसे चुनावी लाभ की रणनीति करार दे रहा है, जबकि चुनाव आयोग इसे नियमित प्रक्रिया बता चुका है। सरकार ने इस मुद्दे पर अलग से चर्चा की पेशकश की है, लेकिन उसका मुख्य फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस रखने का है।
सरकार का जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बहस में हस्तक्षेप कर सकते हैं और अपनी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा के मजबूत रिकॉर्ड को सामने रख सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह आतंकी हमले के जवाब में उठाए गए कदमों का ब्योरा देंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सर्जिकल स्ट्राइक की तकनीकी और रणनीतिक सफलता पर जोर देंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की बात करेंगे।
संसद में टकराव की उम्मीद
यह सप्ताह संसद में गरमागरम बहस का गवाह बनेगा। सभी की नजर इस बात पर है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी रणनीतियों के साथ कैसे मैदान में उतरते हैं। यह बहस न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि 2029 के लोकसभा चुनावों की दिशा भी तय कर सकती है।
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