
नूंह, हरियाणा, 3 अगस्त 2025: हरियाणा के नूंह जिले के मेवात क्षेत्र में स्लॉटरहाउसों की बढ़ती संख्या ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। स्थानीय निवासियों ने स्लॉटरहाउसों से होने वाले प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याओं, खासकर कैंसर के मामलों में वृद्धि की शिकायत की है। यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है, क्योंकि कांग्रेस ने इसे हरियाणा विधानसभा में बीजेपी सरकार के खिलाफ उठाने की योजना बनाई है।
विवाद की पृष्ठभूमि
मेवात क्षेत्र, जो नूंह जिले का हिस्सा है, में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में स्लॉटरहाउसों पर सख्ती के बाद इन इकाइयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, नूंह में वर्तमान में आठ स्लॉटरहाउस संचालित हो रहे हैं, और लगभग 20 और निर्माणाधीन हैं। हरियाणा सरकार ने जिले में कुल 50 इकाइयों को मंजूरी दी है। निवासियों का आरोप है कि इन स्लॉटरहाउसों से निकलने वाला कचरा जल स्रोतों और खुले मैदानों में फेंका जा रहा है, जिससे भूजल और मिट्टी प्रदूषित हो रही है। खाजली कलां गांव की पंचायत ने एक साल में नौ कैंसर से संबंधित मौतों की सूचना दी है, जिसे वे स्लॉटरहाउस कचरे के अवैध निपटान से जोड़ते हैं।
स्थानीय शिकायतें
- स्वास्थ्य संकट: ग्राम पंचायत अधिकारी शौकत अली ने बताया कि गांव में पहले कभी कैंसर के मामले नहीं देखे गए, लेकिन अब हर दूसरे घर में मरीज हैं। स्लॉटरहाउसों से निकलने वाली दुर्गंध ने स्कूली बच्चों के लिए जीवन मुश्किल कर दिया है।
- प्रदूषण: कचरे को भूजल और मिट्टी में मिलाने से पानी और पर्यावरण दूषित हो रहा है। निवासियों ने स्वास्थ्य मंत्रालय और मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
- प्रदर्शन: नूंह में स्लॉटरहाउसों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जिसमें स्थानीय लोग सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने जनता के विरोध के जवाब में त्वरित कार्रवाई का वादा किया है। उन्होंने कहा, “हम तुरंत ग्रामीणों की स्वास्थ्य चिंताओं की जांच करेंगे। विशेष टीमें प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगी और बीमारियों, खासकर कैंसर में वृद्धि के कारणों की जांच करेंगी। प्रदूषण एक प्रमुख कारक प्रतीत होता है।” पर्यावरण मंत्री राव नरबीर ने भी तत्काल जांच का आश्वासन दिया और कचरा निपटान नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर सख्त दंड की बात कही।
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राजनीतिक विवाद
कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी सरकार पर मेवात को “कचरा डंपिंग ग्राउंड” बनाने का आरोप लगाया है। नूंह के विधायक आफताब अहमद ने कहा, “योगी सरकार उत्तर प्रदेश में स्लॉटरहाउस बंद कर रही है, और ये इकाइयां अब मेवात के गांवों में स्थानांतरित हो रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग चुप है।” पुनहाना के विधायक मोहम्मद इलियास ने मेवात की पिछड़ी स्थिति और दशकों से उपेक्षित स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां क्षेत्र में और अधिक पीड़ा ला रही हैं।
मेवात का सामाजिक-आर्थिक संदर्भ
मेवात, जिसका केंद्र नूंह जिला है, हरियाणा का एकमात्र मुस्लिम-बहुल जिला है, जहां 2011 की जनगणना के अनुसार 79.2% आबादी मुस्लिम है। यह क्षेत्र सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा माना जाता है, जैसा कि नीति आयोग ने 2018 में बताया। मेवात में मुख्य व्यवसाय कृषि है, और स्लॉटरहाउसों की बढ़ती संख्या ने क्षेत्र की पारंपरिक अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर दबाव डाला है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मेवात क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है, जो मेवो समुदाय के नाम पर है, जो राजपूत वंश का दावा करते हैं और मध्यकाल में इस्लाम में परिवर्तित हो गए। यह क्षेत्र हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है, और इसे अरावली पहाड़ियों और प्राचीन धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में, मेवात अवैध खनन, गौ तस्करी और साइबर अपराधों के लिए भी चर्चा में रहा है, जिसने क्षेत्र की छवि को प्रभावित किया है।
कानूनी और पर्यावरणीय चिंताएं
पहले भी मेवात में स्लॉटरहाउसों से प्रदूषण की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। 2017 में, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने नूंह में एक स्लॉटरहाउस द्वारा जंगल और नहर में मांस और गोबर डंप करने के खिलाफ याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता जाकिर ने दावा किया था कि इससे महामारी फैलने का खतरा है और स्थानीय जल स्रोत दूषित हो रहे हैं।
सामाजिक और धार्मिक तनाव
मेवात क्षेत्र पहले भी सांप्रदायिक तनाव का गवाह रहा है। 2023 में, विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी। इस हिंसा को गौ रक्षकों और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव से जोड़ा गया था, जिसमें सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो ने आग में घी का काम किया। स्लॉटरहाउस विवाद ने इन तनावों को और बढ़ाने का काम किया है, क्योंकि कुछ हिंदू संगठन मेवात को “गौ हत्या का केंद्र” बताते हैं, जबकि स्थानीय निवासी इसे आर्थिक और पर्यावरणीय शोषण का परिणाम मानते हैं।
निष्कर्ष
नूंह के मेवात क्षेत्र में स्लॉटरहाउसों की बढ़ती संख्या और इससे उत्पन्न प्रदूषण ने एक गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है। स्थानीय निवासियों के विरोध और कैंसर जैसी बीमारियों में वृद्धि ने इस मुद्दे को गंभीर बना दिया है। कांग्रेस इसे विधानसभा में उठाकर बीजेपी सरकार को घेरने की तैयारी में है, जबकि सरकार ने जांच और सख्त कार्रवाई का वादा किया है। यह विवाद न केवल पर्यावरणीय नीतियों पर सवाल उठाता है, बल्कि मेवात जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सामाजिक और धार्मिक तनाव को भी उजागर करता है।
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