
तेल आयात से बढ़ा असंतुलन, 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य
मॉस्को/नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में भारत-रूस व्यापार में 58.9 अरब डॉलर के भारी व्यापार घाटे पर चिंता जताई। रूस से बढ़ते तेल आयात को इस असंतुलन का प्रमुख कारण बताते हुए उन्होंने इसे तुरंत संबोधित करने की जरूरत पर जोर दिया। जयशंकर ने व्यापार बाधाओं को हटाने, लॉजिस्टिक्स में सुधार, और भारत-यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द पूरा करने जैसे उपाय सुझाए। दोनों देशों ने 2030 तक 100 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य पर सहमति जताई।
जयशंकर की रणनीति: व्यापार को संतुलित करने की कोशिश
मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की बैठक में जयशंकर ने रूस के पहले उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ सह-अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि व्यापार घाटे को कम करने के लिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करना, लॉजिस्टिक्स की बाधाओं को हटाना, और भुगतान तंत्र को सुचारू करना जरूरी है। जयशंकर ने इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर, नॉर्दर्न सी रूट, और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर जैसे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने की वकालत की। EAEU के साथ FTA की शर्तें बुधवार को अंतिम रूप दी गईं, जिससे व्यापार में विविधता आएगी।
रूस का रुख: प्रतिबंधों से बचने की रणनीति
रूस ने कहा कि वह परिवहन, लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग, और वित्तीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देगा, जो प्रतिबंध लगाने वाले देशों से स्वतंत्र हों। रूस ने राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान को बढ़ावा देने की बात भी कही। जयशंकर गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध और रूस-अमेरिका शिखर सम्मेलन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों का रणनीतिक साझेदारी आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित है।
तेल आयात और व्यापार घाटा
2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से सस्ते तेल का आयात बढ़ाया, जिससे रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। FY25 में रूस का भारत के कुल तेल आयात में 35.1% हिस्सा था। हालांकि, इससे व्यापार घाटा बढ़कर 58.9 अरब डॉलर हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह असंतुलन भारत के लिए चुनौती है, और FTA जैसे उपाय इसे कम कर सकते हैं। क्या भारत और रूस इस लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे? यह भविष्य के सहयोग पर निर्भर करेगा।
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