
चुनाव आयोग पर सवाल, बिहार में SIR का विवाद
नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025: INDIA गठबंधन ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य आयुक्तों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की घोषणा की है, जिसमें ‘वोट चोरी’ का गंभीर आरोप लगाया गया है। गठबंधन ने विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर का दावा किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “संविधान पर हमला” बताया, जबकि RJD प्रमुख लालू प्रसाद ने BJP सरकार को “इमरजेंसी से भी बदतर” करार दिया।
महाभियोग प्रस्ताव की वजह
INDIA गठबंधन, जिसमें 25 विपक्षी दल शामिल हैं, का कहना है कि चुनाव आयोग ने SIR के जरिए लाखों मतदाताओं के नाम हटाए, खासकर गरीब और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया। राहुल गांधी ने X पर लिखा, “चोरी चुपके से नहीं चलेगी, जनता जाग गई है।” गठबंधन ने 11 अगस्त को संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कांग्रेस MP सईद नासिर हुसैन ने कहा, “300 सांसदों को EC से मिलने नहीं दिया गया।”
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से वोट चोरी के आरोपों के लिए ठोस सबूत मांगे। EC ने कहा, “विशिष्ट मतदाताओं के नाम बताएं और हलफनामा दें।” आयोग ने SIR को पारदर्शी बताया और कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है। लेकिन विपक्ष ने इसे “चुनाव चोरी” करार दिया। @rssurjewala ने X पर लिखा, “EC अब ‘Election Capture of India’ बन गया है।” सुप्रीम कोर्ट में SIR पर याचिकाएं लंबित हैं, जिसे विपक्ष “लोकतंत्र की जीत” मान रहा है।
राहुल की वोट अधिकार यात्रा
राहुल गांधी ने 17 अगस्त को सासाराम से 16 दिन की ‘वोट अधिकार यात्रा’ शुरू की, जो 1300 किमी कवर करेगी और 1 सितंबर को पटना में रैली के साथ खत्म होगी। उन्होंने कहा, “यह ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की लड़ाई है।” कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इसे “लोकतंत्र का नया अध्याय” बताया। यात्रा में INDIA गठबंधन के नेता शामिल होंगे, जो बिहार चुनाव से पहले एकजुटता दिखाएंगे।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर #VoteChori ट्रेंड कर रहा है। @nramind ने X पर लिखा, “राहुल ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया।” मगर BJP ने इसे “राजनीतिक स्टंट” बताया। गठबंधन का दावा है कि SIR ने बिहार में 124 साल की मिंता देवी जैसे फर्जी नामों को हटाने के बहाने असली वोटरों को निशाना बनाया। यह विवाद बिहार चुनावों को प्रभावित कर सकता है।
आगे क्या?
महाभियोग प्रस्ताव को पास होने के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत चाहिए, जो NDA की ताकत (132 सांसद) के सामने मुश्किल है। लेकिन यह मुद्दा INDIA गठबंधन को बिहार में मजबूत कर सकता है। क्या यह संविधान की रक्षा की लड़ाई है या राजनीतिक ड्रामा? जनता का जवाब इंतजार में है।
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