
26 सितंबर का हिंसक विरोध, पथराव से हंगामा – पुलिस ने सख्ती दिखाई, अब क्या होगा इंसाफ?
बरेली, 30 सितंबर 2025: बरेली की सड़कों पर 26 सितंबर को ‘आई लव मुहम्मद’ के विरोध में जो तूफान आया, वो अब शांत हो रहा है, लेकिन जख्म गहरे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, हंगामा मचाया, लेकिन पुलिस ने कमर कस ली। मंगलवार तक 73 लोग गिरफ्तार – हाथ जोड़ माफी मांगते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। गुस्सा, डर और राहत का मेला – क्या ये विवाद समाज को तोड़ देगा, या सबक देगा? आइए, इस सनसनीखेज ड्रामे की परतें खोलें, जहां एक पोस्टर ने पूरे शहर को हिला दिया।
विरोध का आगाज: पोस्टर से शुरू, पथराव से बवाल
26 सितंबर को शहर में ‘आई लव मुहम्मद’ का पोस्टर लगा, और विरोध की चिंगारी भड़क गई। सड़कों पर नारे, पथराव, पुलिस पर हमला। हंगामा इतना कि शहर ठप हो गया। प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे, “ये अपमान है!” पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस छोड़ी। लेकिन सवाल – एक पोस्टर से इतना गुस्सा? सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, जहां लोग डरते दिखे। एक स्थानीय बोला, “शहर डर गया, लेकिन इंसाफ चाहिए।”
73 गिरफ्तारियां: हाथ जोड़ माफी, पुलिस की सख्ती का कमाल
मंगलवार तक पुलिस ने 73 ‘बवालियों’ को दबोच लिया। वीडियो में गिरफ्तारियां देखकर रोंगटे खड़े – हाथ जोड़ माफी मांगते, रोते हुए। SSP ने कहा, “कानून सबके लिए बराबर।” FIR में 100+ नाम, लेकिन 73 पकड़े गए। क्या ये सख्ती विवाद दबा देगी? एक मां ने आंसू पोछते कहा, “मेरा बेटा निर्दोष, लेकिन डर गया।” गुस्सा तो है, लेकिन पुलिस की तारीफ भी हो रही – “शहर को बचा लिया।”
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विवाद की जड़: ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर ने मचाया तूफान
पोस्टर का मैसेज था – ‘मुहम्मद से प्यार’ – लेकिन कुछ लोगों को लगा अपमान। विरोध में सड़कें जाम, दुकानें बंद। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन सवाल – क्या ये धार्मिक भावनाओं का खेल था? सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी – “प्यार का मैसेज क्यों दर्द?” एक युवा बोला, “शहर में डर का माहौल, लेकिन बातचीत से हल निकले।” राहत ये कि अब शांति लौट रही।
आगे क्या? इंसाफ की उम्मीद, समाज का सबक
73 गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन जख्म भरे कैसे? पुलिस जांच जारी, लेकिन समाज को सोचना होगा – विवादों से नफरत बढ़ेगी या समझदारी? वीडियो वायरल से जागरूकता आई। एक बुजुर्ग ने कहा, “शांति ही सबसे बड़ा धर्म।” बरेली अब सांस ले रहा, लेकिन सवाल बाकी – क्या ये आखिरी बवाल था?