
बुजुर्ग की जिंदगी बर्बाद, CBI ने फर्जी CBI बनकर साइबर क्रिमिनल्स को दबोचा – सस्पेंस से भरी पूरी कहानी
नई दिल्ली, 23 सितंबर 2025: कल्पना कीजिए, आपका फोन बजता है, और दूसरी तरफ CBI का अफसर बोलता है – “आपके खाते में पैसे फंस गए हैं, तुरंत ट्रांसफर करो वरना जेल!” ये कोई फिल्म का सीन नहीं, बल्कि दिल्ली के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट स्कैम की सच्ची कहानी है। 70 साल के नरेश मल्होत्रा को 22.92 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। 3 बैंकों से 4,236 ट्रांजेक्शन – ये आंकड़े पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। CBI ने फर्जी CBI बनकर ठगों को फंसाया, लेकिन पीड़ित की जिंदगी बर्बाद हो चुकी। आइए, इस सस्पेंस थ्रिलर वाली घटना की परतें खोलते हैं, जहां डर, धोखा और इंसाफ की जंग सब है।
बुजुर्ग की जिंदगी पर काली छाया: कैसे फंसे नरेश मल्होत्रा?
नरेश मल्होत्रा, दिल्ली के एक रिटायर्ड बिजनेसमैन, की जिंदगी 2024 में रुक गई। एक फोन आया – “CBI स्पीकिंग, आपके अकाउंट में मनी लॉन्ड्रिंग का केस है।” डर से कांपते हुए उन्होंने सब कुछ मान लिया। ठगों ने कहा, “पैसे ट्रांसफर करो, जांच पूरी होने पर वापस मिलेंगे।” नरेश ने अपना सब कुछ लुटा दिया – 22.92 करोड़ रुपये। 3 बैंकों – HDFC, ICICI और SBI – से 4,236 छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन। ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का जाल बिछाया – वीडियो कॉल पर फर्जी CBI अफसर, दबाव, और झूठी गारंटी। नरेश ने कहा, “मैंने सोचा देश के लिए कुछ गलत किया, लेकिन ये तो चोरों का जाल था।” उनका दर्द सुनकर आंखें नम हो जाती हैं।
फर्जी CBI का खेल: 6 महीने का डरावना सफर
स्कैम 6 महीने चला। ठगों ने नरेश को ‘अंडर अरेस्ट’ बताया, लेकिन घर से न निकलने दिया। व्हाट्सएप, वीडियो कॉल पर लगातार दबाव – “पैसे न ट्रांसफर किए तो जेल!” छोटे अमाउंट से शुरू होकर करोड़ों तक पहुंच गए। CBI ने जांच में पाया, ठग जामताड़ा (झारखंड) से ऑपरेट कर रहे थे। फोन नंबर, बैंक अकाउंट्स सब ट्रेस हो गए। एक ठग ने कबूल किया, “हमने सोचा बुजुर्ग आसानी से फंसेंगे।” ये सुनकर गुस्सा तो आता है, लेकिन सिस्टम की कमजोरी भी दिखती है।
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CBI का काउंटर अटैक: फर्जी CBI बनाकर ठग फंसाए
CBI ने कमबैक किया – खुद फर्जी CBI बनकर ठगों को ललचाया। ‘ऑपरेशन चाणक्य’ में 5 ठग गिरफ्तार, 2 फरार। दिल्ली के फ्लैट से लैपटॉप, मोबाइल और 50 लाख कैश बरामद। CBI डायरेक्टर ने कहा, “ये साइबर क्राइम की नई लहर है। हम 24/7 अलर्ट पर हैं।” लेकिन नरेश के लिए देर हो चुकी – उनका पैसा डूब गया। इंसाफ मिलेगा या नहीं, ये सवाल परेशान कर रहा।
समाज का आईना: डिजिटल धोखे का डर, सबक क्या?
ये कांड डिजिटल दुनिया के खतरे दिखाता है। बुजुर्ग, युवा – कोई सुरक्षित नहीं। सोशल मीडिया पर #DigitalArrestScam ट्रेंड कर रहा, जहां लोग अपनी कहानियां शेयर कर रहे। एक यूजर बोला, “CBI कॉल आए तो सबसे पहले वेरिफाई करो!” ये घटना डराती है, लेकिन जागरूक भी। क्या हम सतर्क होंगे, या अगला शिकार कोई और?