
पटना। बिहार में विधानसभा के मानसून सत्र की तारीखों का ऐलान हो गया है। इस बार यह सत्र खास होने वाला है क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्र की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं और सरकार व विपक्ष दोनों ही इस सत्र को चुनावी तैयारी के तौर पर देख रहे हैं।
कब से कब तक चलेगा सत्र
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 24 जून से शुरू होकर 28 जून तक चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार कई अहम बिल पेश कर सकती है, वहीं विपक्ष भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। माना जा रहा है कि इस सत्र में राज्य के विकास, कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों से जुड़े मुद्दों पर जमकर बहस होगी।
चुनावी साल में सत्र का महत्व
चूंकि 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए यह मानसून सत्र बेहद अहम माना जा रहा है। राजनीतिक दल इस मौके को जनता के बीच अपनी बात रखने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियां गिनाएगा, जबकि विपक्ष सरकार की कमियों को उजागर करेगा। सत्र के दौरान कई बार तीखी बहस और हंगामे की भी संभावना जताई जा रही है।
सरकार और विपक्ष की तैयारी
सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता कह रहे हैं कि सरकार जनता के हित में कई बड़े फैसले लेने जा रही है। वहीं विपक्ष का कहना है कि वे महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे। सभी दलों ने अपने-अपने विधायकों को सत्र के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम
सत्र के दौरान विधानसभा परिसर और आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सत्र के दौरान मीडिया की भी खास निगरानी रहेगी।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा का यह मानसून सत्र चुनावी साल में होने की वजह से काफी महत्वपूर्ण है। जनता की नजरें सरकार और विपक्ष दोनों पर टिकी हैं कि वे अपने-अपने मुद्दों को किस तरह से उठाते हैं। आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में और भी हलचल देखने को मिल सकती है।