
अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया, तो पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। इजरायल ने तो अमेरिका और ट्रंप का खुलकर धन्यवाद किया, लेकिन कई देशों और लोगों ने इसका जबरदस्त विरोध भी किया। इस हमले के बाद अब हर जगह यही चर्चा है – क्या अब वाकई बड़ा युद्ध छिड़ सकता है?
इजरायल में खुशी की लहर
इजरायल के लोग तो अमेरिका की मदद से बहुत खुश हैं। वहां की सड़कों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगे हैं – “Thank You, Trump” यानी “धन्यवाद ट्रंप!”। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी ट्रंप की तारीफों के पुल बांध दिए। उनका कहना है कि अमेरिका के इस कदम से इजरायल को काफी राहत मिली है और अब उनकी सुरक्षा मजबूत हुई है।

विरोध में उतरी दुनिया
लेकिन दूसरी तरफ, कई देशों और आम लोगों ने इस हमले का विरोध किया। रूस, सऊदी अरब और दूसरे कई देशों ने कहा कि यह हमला गलत है और इससे हालात और बिगड़ सकते हैं। कनाडा के टोरंटो शहर में अमेरिकी दूतावास के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और कहा – “ईरान को छोड़ दो, युद्ध बंद करो!”। उन्होंने अपनी सरकार से मांग की कि इजरायल को हथियार देना बंद करो।
अमेरिका के अंदर भी कई लोग इस फैसले से नाराज हैं। न्यूयॉर्क में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और बोले – “ईरान में युद्ध मत करो”, “मिडिल ईस्ट में नया युद्ध नहीं चाहिए”। लोगों ने शांति की अपील की और कहा कि इस तरह के हमले से सिर्फ आम लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
परमाणु युद्ध का डर
कुछ लोगों को डर है कि कहीं ये मामला इतना न बढ़ जाए कि परमाणु युद्ध की नौबत आ जाए। एक सामाजिक कार्यकर्ता यवेट फिलार्का ने कहा – “अगर ऐसे ही चलता रहा तो तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है। ईरान छोटा देश नहीं है, अमेरिका को सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।”
ट्रंप की दो टूक
ट्रंप ने अपने अंदाज में कहा कि ये हमला अमेरिका और इजरायल के लिए बड़ी जीत है। उन्होंने ईरान को चेतावनी भी दी कि अगर शांति नहीं चाहते तो और भी बड़ा हमला हो सकता है। हालांकि, ट्रंप पहले कहते थे कि अमेरिका को दूसरे देशों के झगड़ों से दूर रहना चाहिए, लेकिन अब खुद ही हमला कर बैठे।
आगे क्या हो सकता है?
अब ईरान ने भी साफ कह दिया है कि अमेरिका और इजरायल उसके लिए दुश्मन नंबर वन हैं। यानी आने वाले दिनों में जवाबी हमला या और कोई बड़ा कदम देखने को मिल सकता है। इस वजह से मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र और बाकी देशों को भी चिंता है कि कहीं मामला हाथ से न निकल जाए।
नतीजा क्या निकला?
अमेरिका के इस हमले के बाद दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है। एक तरफ इजरायल और उसके दोस्त हैं, जो कह रहे हैं कि ये जरूरी था। दूसरी तरफ कई देश और आम लोग हैं, जो कह रहे हैं कि ये सब गलत है और इससे युद्ध छिड़ सकता है। अमेरिका के अपने यहां भी लोग बंटे हुए हैं – कोई ट्रंप के साथ, तो कोई विरोध में।
अब सबकी नजरें ट्रंप और ईरान की अगली चाल पर हैं। लोग दुआ कर रहे हैं कि मामला और न बिगड़े, वरना इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है।