
अलवर, 4 सितंबर 2025: अलवर जिले के उद्योग नगर पुलिस स्टेशन के तहत सैयद कॉलोनी में एक हॉस्टल में जबरन धर्मांतरण की शिकायतों के बाद पुलिस ने बुधवार को छापा मारकर दो लोगों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए लोग
पुलिस ने अमृत गरासिया (44), जो अहमदाबाद का निवासी है, और सोनू सिंह (34), जो अलवर के रामगढ़ का निवासी है, को गिरफ्तार किया। हिंदू संगठनों और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बुधवार शाम को एक ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित हॉस्टल में छापा मारा। इस दौरान हॉस्टल में 52 बच्चे रहते पाए गए। आरोप है कि इन बच्चों को शिक्षा के बहाने धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने हॉस्टल से ईसाई धर्म से संबंधित कई किताबें और धार्मिक सामग्री जब्त की। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। जांच में पता चला कि हॉस्टल तमिलनाडु की न्यू लाइफ फाउंडेशन द्वारा चलाया जाता है और इसके फंडिंग स्रोतों की जांच की जा रही है। अमृत हॉस्टल का प्रभारी है, जबकि सोनू रायसिख देखभालकर्ता के रूप में काम करता है।
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बच्चों की स्थिति
हॉस्टल में रहने वाले 52 बच्चे 6 से 17 साल की उम्र के हैं। ये बच्चे अलवर, हनुमानगढ़ और दिल्ली से हैं और अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं। बच्चों ने बताया कि हॉस्टल में रहने और खाने का खर्च संगठन उठाता है, लेकिन इसके लिए 3,000 रुपये सालाना शुल्क देना पड़ता है।
हिंदू संगठनों का विरोध
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वीएचपी के जिला महासचिव बिजेंद्र खंडेलवाल ने कहा कि गोलेटा गांव के मिशनरी हॉस्टल में हिंदू बच्चों को हिंदू धर्म के खिलाफ उकसाया जा रहा है और उन्हें धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस मामले में एमआईए पुलिस स्टेशन में धर्मांतरण का मामला दर्ज किया गया है।
पहले भी विवाद
पिछले महीने सिकर में ईसाई धार्मिक नेता सेल्वराज उर्फ सेलबुराज ने धर्मांतरण की गतिविधियां चलाई थीं, जिसमें अमृत शामिल था। वह उस मामले में जमानत पर बाहर है।