
4 मौतों के बाद ‘क्लाइमेट हीरो’ पर हमला, फोन सर्विस बंद, AAP ने की मोमबत्ती मार्च – लद्दाख की चुप्पी टूटेगी या दबी रहेगी?
लेह, 26 सितंबर 2025: लद्दाख की ठंडी हवाओं में अब आग का शोर है। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार कर लिया गया – वो भी प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले। 24 सितंबर की हिंसा में 4 मौतें, 70 घायल, BJP ऑफिस जला, CRPF वैन पर हमला। केंद्र ने वांगचुक पर ‘भड़काने’ का इल्जाम लगाया, उनका NGO का लाइसेंस रद्द। लेह में मोबाइल इंटरनेट बंद, कर्फ्यू सख्त। क्या ये लद्दाख का दर्द दबाने की साजिश है, या न्याय की जंग? आइए, इस सनसनीखेज ड्रामे की परतें खोलें, जहां गुस्सा, आंसू और उम्मीद सब सुलग रहा।
गिरफ्तारी का धमाका: प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ‘NSA’ का तड़का
शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे लेह DGP एसडी जामवाल की अगुवाई में पुलिस टीम ने वांगचुक को दबोच लिया। वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे थे, लेकिन NSA (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत गिरफ्तार। स्रोतों के मुताबिक, उन्हें जोधपुर जेल ले जाया गया। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने कहा, “पुलिस ने बताया जोधपुर जा रहे।” वांगचुक ने गिरफ्तारी से पहले बोला, “मैं खुश हूं, ये लड़ाई जारी रहेगी।” लेकिन केंद्र का आरोप – “नेपाल Gen Z प्रोटेस्ट और अरब स्प्रिंग का जिक्र कर भड़काया।” क्या ये ‘विश हंट’ है, या सुरक्षा का बहाना?
24 सितंबर का काला दिन: शांत मार्च से हिंसा का तांडव
दो हफ्ते शांत प्रोटेस्ट, वांगचुक की 14 दिन की भूख हड़ताल। लेकिन 24 सितंबर को सब उफान पर – BJP ऑफिस जला, CRPF वैन पर पथराव। प्रोटेस्टर्स और पुलिस के बीच झड़प, लाइव फायरिंग। 4 मौतें (ज्यादातर युवा), 70+ घायल। वांगचुक ने हड़ताल खत्म की, बोले, “युवाओं का फूटा गुस्सा।” लेकिन MHA ने कहा, “वांगचुक के भड़काऊ बयानों से मॉब वायलेंस।” लेह में कर्फ्यू, इंटरनेट ब्लैकआउट – शहर सन्नाटे में डूबा। एक स्थानीय ने कहा, “हम शांति चाहते थे, लेकिन आवाज दबा दी गई।”
2019 का घाव: UT स्टेटस से सुलगता दर्द
2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग UT बना लद्दाख। BJP ने वादा किया – राज्य दर्जा, 6th शेड्यूल, जॉब कोटा, लैंड प्रोटेक्शन। लेकिन 6 साल बाद खाली हाथ। Leh Apex Body (LAB) और Kargil Democratic Alliance ने 2023 से बातचीत की, लेकिन HPC मीटिंग्स में बस बातें। वांगचुक बोले, “हमारी संस्कृति, जमीन, जॉब्स खतरे में।” युवा चिल्ला रहे – “60% बेरोजगारी, बाहरी लोग लैंड खरीद रहे।” केंद्र का दावा – 33% जॉब्स लोकल्स को, लेकिन हकीकत? गुस्सा फूट पड़ा।
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वांगचुक का सफर: ‘3 इडियट्स’ हीरो से लद्दाख का मसीहा
सोनम वांगचुक, 59 साल के इस पर्यावरण योद्धा को ‘3 इडियट्स’ से फेम मिला। SECMOL NGO से लद्दाख के बच्चों को पढ़ाया, चिल्का झील बचाई। 2024 में दिल्ली तक 500 मील पैदल मार्च किया। लेकिन MHA ने उनका FCRA कैंसल कर दिया – “फंड्स मिसयूज।” CBI और IT डिपार्टमेंट जांच में। वांगचुक बोले, “ये witch hunt है।” AAP ने जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च किया, ओमार अब्दुल्ला ने निंदा की। क्या ये गिरफ्तारी आवाज दबाएगी?
केंद्र vs वांगचुक: ‘भड़काने’ का आरोप, ‘दर्द’ का जवाब
MHA ने कहा, “वांगचुक के स्पीच से मॉब भड़का।” लेकिन वांगचुक का काउंटर – “ये युवाओं का जागरण।” 6 अक्टूबर को HPC मीटिंग, 29-30 सितंबर को दिल्ली में डेलिगेशन। लेकिन NSA से 3 महीने डिटेंशन बिना बेल – क्या बातचीत रुकेगी? लेह में शांति लौट रही, लेकिन गुस्सा सुलग रहा। एक युवा बोला, “वांगचुक हमारा नेता, गिरफ्तारी से डरेंगे नहीं।”
लद्दाख का भविष्य: राज्य या UT का बोझ?
लद्दाख – बौद्ध-मुस्लिम का शांतिपूर्ण इलाका – अब तनाव में। पर्यावरण संकट, बेरोजगारी, सांस्कृतिक खतरा। प्रोटेस्टर्स चाहते – राज्य दर्जा, 6th शेड्यूल, लोकल बॉडीज। केंद्र का वादा – चर्चा जारी। लेकिन 4 मौतों का दाग धुलेगा कैसे? सोशल मीडिया पर #FreeSonamWangchuk ट्रेंड, जहां लोग चिल्ला रहे – “लद्दाख की आवाज दबाओ मत!” क्या ये विद्रोह केंद्र को झुकाएगा, या दर्द दबाकर रह जाएगा?