
नई दिल्ली में वोटिंग शुरू, एनडीए को मजबूत बढ़त
नई दिल्ली: आज सुबह 10 बजे से भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई को इस्तीफे के बाद यह चुनाव करीब दो महीने बाद हो रहा है। कुल 781 सदस्यों वाले इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत के लिए 391 वोट चाहिए, और एनडीए के पास 422 से ज्यादा समर्थन है, जो इसे स्पष्ट बढ़त देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले वोट डाला, उसके बाद लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदान कर रहे हैं। वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी, और शाम 6 बजे से गिनती शुरू होगी। एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सदस्यों का समर्थन है, जबकि विपक्ष को करीब 354 वोट मिलने की उम्मीद है। बीआरएस, बीजेडी और साड ने वोटिंग से दूरी बना ली है, जिससे जीत का आंकड़ा 385 हो गया है। एनडीए उम्मीदवार को 437 वोट मिलने की संभावना है।
उम्मीदवारों का प्रोफाइल: दक्षिण भारत से दो चेहरे
एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन 68 वर्षीय भाजपा नेता हैं, जो तमिलनाडु के तिरुप्पुर से आते हैं। आरएसएस से जुड़े इस ओबीसी नेता ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव जीता था। वे तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। पार्टी उन्हें नरम स्वभाव और विवादों से दूर बताती है। राधाकृष्णन ने चुनाव से पहले दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्री राम मंदिर में प्रार्थना की।
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वहीं, इंडिया ब्लॉक के सुदर्शन रेड्डी 79 वर्षीय पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज हैं, जो तेलंगाना से हैं। 2011 में रिटायर होने वाले रेड्डी ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए, जैसे विदेशी बैंकों में काला धन रखने वालों की जांच के आदेश और छत्तीसगढ़ की सलवा जुडुम को असंवैधानिक घोषित करना। विपक्ष उन्हें संवैधानिक मूल्यों का रक्षक बता रहा है। मतदान शुरू होने पर रेड्डी ने कहा, “मैं जीत का विश्वास रखता हूं, क्रॉस वोटिंग जैसी कोई चीज नहीं जानता।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी दलों से एकजुट होकर समर्थन की अपील की।
संख्या का गणित: एनडीए की मजबूत स्थिति
लोकसभा में 542 सदस्यों (एक खाली) के बीच एनडीए के 293 समर्थक हैं, जबकि राज्यसभा के 240 प्रभावी सदस्यों (5 खाली) में 129 का साथ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों ने राधाकृष्णन को समर्थन दिया है, जबकि टीएमसी, आप और एआईएमआईएम ने रेड्डी का साथ दिया। बीजेडी, बीआरएस और साड के 12 सांसद तटस्थ रहेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रॉस वोटिंग की कोई बड़ी संभावना नहीं, इसलिए राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है। 2022 के चुनाव में धनखड़ ने 346 वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार अंतर 100-125 वोट का हो सकता है।
यह चुनाव न केवल संख्या का खेल है, बल्कि विचारधारा का भी। विपक्ष इसे संवैधानिक न्याय बनाम राजनीतिक प्रभाव का मुकाबला बता रहा है, जबकि एनडीए प्रशासनिक अनुभव पर जोर दे रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रेड्डी के फैसलों ने नक्सल विरोधी प्रयासों को झटका दिया था।
चुनाव प्रक्रिया और महत्व
उपराष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान से होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य वोट देते हैं। संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत यह पद राज्यसभा का सभापति भी होता है। जगदीप धनखड़ 2022 से पद पर थे, इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। इस चुनाव से भारत को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा, जो राष्ट्रपति के अभाव में उनके कर्तव्यों का निर्वहन करेगा। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह परिणाम संसद की एकजुटता को परखेगा।