
आजाद समाज पार्टी प्रमुख ने बिलों का विरोध किया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया को बताया जरूरी
मिर्जापुर, 25 अगस्त 2025: आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के प्रमुख और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को हटाने वाले बिलों की समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में शामिल होंगे। मिर्जापुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इन बिलों से सहमत नहीं हूं, लेकिन JPC में होने वाली चर्चा एक कानूनी प्रक्रिया है।” यह बयान ऐसे समय में आया है, जब केंद्र सरकार ने तीन विवादास्पद बिल 20 अगस्त को लोकसभा में पेश किए।
बिलों का विवरण और विरोध
ये तीन बिल—संविधान (130वां संशोधन) बिल-2025, केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) बिल-2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल-2025—प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आरोपों में 30 दिन तक हिरासत में रहने पर हटाने का कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं। चंद्रशेखर ने इन बिलों को “लोकतंत्र विरोधी” और “संविधान पर हमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “ED ने क्या कभी BJP नेताओं पर छापा मारा? ये बिल विपक्ष को निशाना बनाने के लिए हैं।”
JPC में भागीदारी और रणनीति
चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि वह JPC में शामिल होकर कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे, ताकि बिलों की खामियों को उजागर कर सकें। उन्होंने कहा, “मैं PM या CM नहीं हूं, फिर भी मुझे इन बिलों से डरना चाहिए।” उनकी यह टिप्पणी बिलों के दुरुपयोग की आशंका को दर्शाती है। आजाद समाज पार्टी की कोर कमेटी बिहार चुनावों पर रणनीति बनाएगी, और उन्होंने जनगणना के आर्थिक डेटा को सार्वजनिक करने की मांग भी उठाई।
सियासी माहौल और भविष्य
विपक्ष ने इन बिलों का कड़ा विरोध किया है। TMC और SP ने JPC में शामिल न होने का फैसला किया है, जबकि चंद्रशेखर की भागीदारी चर्चा को नया मोड़ दे सकती है। क्या ये बिल संसद में पास होंगे? यह JPC की रिपोर्ट पर निर्भर है, जो नवंबर में पेश होगी।
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