
शिकायतकर्ता के बयानों में विसंगतियों के बाद कार्रवाई, जांच जारी
मंगलुरु, 23 अगस्त 2025: कर्नाटक के धर्मस्थला में कथित हत्याओं, बलात्कारों और सामूहिक दफन के आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता को विशेष जांच दल (SIT) ने गिरफ्तार कर लिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी शुक्रवार देर रात तक चली पूछताछ के बाद हुई, जिसमें शिकायतकर्ता के बयानों और दस्तावेजों में विसंगतियां पाई गईं। शिकायतकर्ता, जो धर्मस्थला मंदिर में 1995 से 2014 तक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करता था, ने दावा किया था कि उसे सैकड़ों शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें कई महिलाएं और नाबालिग शामिल थे।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता ने जून 2024 में दाखिल अपनी शिकायत में कहा था कि उसे मंदिर प्रशासन के प्रभावशाली लोगों ने धमकाकर 1998 से 2014 तक शवों को दफनाने या जलाने के लिए मजबूर किया। उसने दावा किया कि कई शवों पर यौन हिंसा और गला घोंटने के निशान थे। SIT ने शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए 13 स्थानों में से 11 की खुदाई की, जिसमें केवल दो स्थानों पर आंशिक हड्डियां और एक खोपड़ी मिली। इनमें से एक जगह पर मिला पैन कार्ड बेंगलुरु के एक व्यक्ति का था, जिसकी मृत्यु जॉन्डिस से हुई थी। शिकायतकर्ता की गवाही पर सवाल उठे, क्योंकि कई स्थानों पर कोई मानव अवशेष नहीं मिले।
गिरफ्तारी और प्रतिक्रियाएं
SIT प्रमुख प्रणब मोहंती ने शिकायतकर्ता से लंबी पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। धर्मस्थला मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने इसे “मंदिर को बदनाम करने की साजिश” बताया। उन्होंने कहा, “हम SIT की निष्पक्ष जांच का समर्थन करते हैं।” दूसरी ओर, कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाए, दावा किया कि प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है।
आगे क्या?
SIT अब शिकायतकर्ता के दावों की गहन जांच कर रही है, जिसमें अन्य गवाहों और फोरेंसिक सबूतों पर ध्यान दिया जा रहा है। क्या यह मामला सचमुच अपराधों का पर्दाफाश करेगा या यह केवल एक विवाद बनकर रह जाएगा? यह जांच के नतीजों पर निर्भर है।
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