
11 अगस्त के आदेश पर विवाद, NGOs ने किया विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली, 22 अगस्त 2025: सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को शेल्टर में स्थानांतरित करने के अपने 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाने की याचिका पर फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों को सभी इलाकों से कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में भेजने और आठ सप्ताह के भीतर 5,000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर बनाने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें पशु प्रेमियों और NGOs ने इसे “अमानवीय” और “अव्यवहारिक” बताया। आज सुबह 10 बजे से जंतर मंतर पर कोर्ट की सुनवाई का लाइव प्रसारण होगा।
11 अगस्त का आदेश: क्या था विवाद?
11 अगस्त को जस्टिस जे.बी. परदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने आदेश दिया कि दिल्ली-NCR में सभी आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें दोबारा सड़कों पर न छोड़ा जाए। कोर्ट ने इस प्रक्रिया में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। आदेश के बाद पशु अधिकार संगठनों ने तर्क दिया कि यह एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों 2023 का उल्लंघन करता है, जो कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनकी मूल जगह पर छोड़ने की बात कहता है। NGOs ने कहा कि दिल्ली में 8 लाख कुत्तों के लिए पर्याप्त शेल्टर नहीं हैं।
प्रदर्शन और कोर्ट की सुनवाई
14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजारिया की तीन जजों की विशेष बेंच ने इस मामले की सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा। सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 2024 में भारत में 37.15 लाख कुत्तों के काटने के मामले दर्ज हुए, जिसमें 305 लोगों की रेबीज से मौत हुई। पशु संगठनों ने तर्क दिया कि शेल्टर में कुत्तों को रखना अव्यवहारिक है और इससे क्रूरता बढ़ सकती है।
क्या होगा अगला कदम?
सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला तय करेगा कि 11 अगस्त का आदेश लागू रहेगा या उस पर रोक लगेगी। यह फैसला न केवल दिल्ली-NCR, बल्कि पूरे देश में आवारा कुत्तों की समस्या और पशु कल्याण नीतियों को प्रभावित कर सकता है। क्या कोर्ट मानव सुरक्षा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन बना पाएगा? यह देखना होगा।
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