
नकली OPD स्लिप्स और गैर-चिकित्सा सामान की खरीद का खुलासा, 26.7 लाख का फर्जीवाड़ा
जयपुर, 22 अगस्त 2025: राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। इसके चलते पांच डॉक्टरों—दो आयुर्वेद और तीन एलोपैथी—तथा चार अन्य सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। साथ ही, एक निजी अस्पताल, एक मेडिकल स्टोर, तीन डॉक्टरों और एक कार्डधारक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव गायत्री राठौर ने बताया कि लंबे समय से विभिन्न पक्षों से अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद गहन जांच के आधार पर यह सख्त कार्रवाई की गई।
क्या है घोटाले का मामला?
जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टरों, फार्मेसी कर्मचारियों और कार्डधारक की मिलीभगत से नकली OPD स्लिप्स बनाई गईं। निर्धारित दवाओं की जगह गैर-चिकित्सा सामान मेडिकल स्टोर से लिया गया। हैरानी की बात यह है कि एक ही OPD कार्ड का उपयोग कर एक साल में लगभग 26.7 लाख रुपये का बिल बनाया गया। राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हरजी लाल अटल ने बताया कि राजस्थान पेंशनर्स एसोसिएशन मेडिकल स्टोर (कंपनी बाग रोड, अलवर), मित्तल अस्पताल, तीन डॉक्टरों और कार्डधारक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
कौन-कौन निलंबित?
निलंबित कर्मचारियों में डॉ. कविता धनखड़ और डॉ. पवन जांगिड़ (आयुर्वेद डॉक्टर, सरकारी आयुर्वेद डीबी जनरल अस्पताल, चूरू), डॉ. मनीषा (सीएचसी बिबिरानी, खैरथल-तिजारा), डॉ. नरसीलाल पचौरी (जिला अस्पताल, अलवर), डॉ. कपिल भारद्वाज (टीबीसी, अलवर), मदन मोहन पांडे (कंपाउंडर, सरकारी आयुर्वेद फार्मेसी, नहरी का नाका), चंद्रशेखर जाटव (कंपाउंडर, आयुर्वेद फार्मेसी, बलेटा, अलवर), मोहसिन खान (अटेंडेंट, उप निदेशक कार्यालय, आयुर्वेद विभाग, जयपुर) और महेश कुमार महावर (सहायक प्रशासनिक अधिकारी, जल संसाधन विभाग) शामिल हैं।
आगे क्या होगा?
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मामले की गहन जांच कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि और भी कार्रवाइयां हो सकती हैं। इस घोटाले ने RGHS की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। क्या यह कार्रवाई भविष्य में ऐसी धांधलियों को रोकेगी? यह जांच के नतीजों पर निर्भर करेगा।
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