
बेंगलुरु, 2 अगस्त 2025: कर्नाटक के बेंगलुरु में जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत ने पूर्व सांसद और जनता दल (सेक्युलर) नेता प्रज्वल रेवन्ना को एक घरेलू कर्मचारी के साथ बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 34 वर्षीय प्रज्वल, जो पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पौत्र और पूर्व कर्नाटक मंत्री एच. डी. रेवन्ना के बेटे हैं, को शुक्रवार को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने उनके ऊपर 11.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो पीड़िता को दिया जाएगा। यह मामला 2024 में सामने आए यौन शोषण के वायरल वीडियो के बाद सुर्खियों में आया था।
मामले का विवरण
प्रज्वल पर 2024 में दर्ज चार बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में से एक में सजा सुनाई गई है। विशेष जांच दल (SIT) ने दिसंबर 2024 में 1,632 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें 113 गवाहों के बयान शामिल थे। पीड़िता, जो रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में घरेलू कर्मचारी थी, ने 5 मई 2024 को मैसूर के पास फार्महाउस से बचाए जाने के बाद शिकायत दर्ज की थी। उसने आरोप लगाया कि प्रज्वल ने 2019 में उसका यौन शोषण किया और उसे बंधक बनाकर रखा।
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी: मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप
सबूत और गवाही
- डीएनए सबूत: SIT ने फार्महाउस से बरामद पीड़िता के कपड़ों पर मिले बालों और शारीरिक अवशेषों का डीएनए विश्लेषण किया, जो प्रज्वल के डीएनए से मेल खाता था।
- वायरल वीडियो: प्रज्वल द्वारा कथित तौर पर रिकॉर्ड किए गए यौन शोषण के वीडियो, जो अप्रैल 2024 में हासन लोकसभा चुनाव से पहले लीक हुए, फोरेंसिक जांच में असली पाए गए।
- व्हिसलब्लोअर की भूमिका: प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर कार्तिक एन. (34) ने उनके फोन में 2,000 से अधिक अश्लील तस्वीरें और 40-50 वीडियो देखे, जिसके आधार पर कई मामले दर्ज किए गए।
कोर्ट की टिप्पणी
विशेष लोक अभियोजक जगदीश ब्याथा ने कहा, “प्रज्वल ने खुद को हासन जिले का ‘शासक’ बताया, न कि जनप्रतिनिधि। यह उनकी अहंकारी मानसिकता को दर्शाता है।” अभियोजक अशोक नाइक ने बताया कि पीड़िता ने चार साल तक डर के कारण चुप्पी साधी, लेकिन परिवार के समर्थन और वीडियो लीक होने के बाद उसने हिम्मत दिखाई। अदालत ने यह भी माना कि प्रज्वल, एक सांसद होने के नाते, जिसने बलात्कार मामलों में तेज सुनवाई के लिए कानून बनाया था, ने खुद इसका उल्लंघन किया। इसलिए अधिकतम सजा दी गई।
सजा का विवरण
- दो धाराओं में बलात्कार (BNS धारा 64)
- तीन धाराओं में यौन उत्पीड़न (BNS धारा 74)
- आपराधिक धमकी और सबूत नष्ट करना (BNS धारा 351(2) और 201)
- जुर्माना: 11.25 लाख रुपये, पीड़िता को मुआवजे के रूप में।
प्रज्वल की पृष्ठभूमि और विवाद
प्रज्वल, जो 2019-2024 तक हासन से सांसद थे, 26 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनाव से पहले वायरल वीडियो के बाद जर्मनी भाग गए थे। उनकी गिरफ्तारी 31 मई 2024 को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर हुई। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस उम्मीदवार को हार गए। उनके परिवार ने इन मामलों को कांग्रेस की साजिश करार दिया, लेकिन SIT ने इसे खारिज करते हुए सबूतों पर जोर दिया।
अन्य मामले
प्रज्वल पर तीन अन्य मामले लंबित हैं:
- जिला पंचायत कर्मचारी के साथ यौन शोषण: इस मामले में पीड़िता के पति ने हाल ही में गवाही दी है।
- रसोइया के साथ यौन शोषण: रेवन्ना परिवार के लिए काम करने वाली एक रसोइया ने बलात्कार का आरोप लगाया।
- रसोइया की बेटी का यौन उत्पीड़न: इस मामले में भी जांच जारी है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
यह फैसला कर्नाटक में महिलाओं की सुरक्षा और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक मिसाल माना जा रहा है। पीड़िता की हिम्मत और परिवार के समर्थन को अभियोजकों ने सराहा। हालांकि, जेडी(एस) और रेवन्ना परिवार ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया। इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर क्योंकि प्रज्वल जेडी(एस)-बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार थे।
निष्कर्ष
प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा न केवल पीड़िता को न्याय दिलाती है, बल्कि यह संदेश देती है कि कानून के सामने कोई भी अछूता नहीं है। यह मामला समाज में शक्ति के दुरुपयोग और यौन हिंसा के खिलाफ एक मजबूत कदम है। अन्य मामलों में जांच और सुनवाई जारी है, जिसका परिणाम इस केस की तरह ऐतिहासिक हो सकता है।
ये भी पढ़ें: अलवर में लोन के बहाने बलात्कार, आरोपी जेल में