
वॉशिंगटन, 31 जुलाई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीदने की वजह से अतिरिक्त पेनल्टी लगाने की घोषणा की है। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि भारत के साथ व्यापारिक बातचीत जारी है। ट्रम्प ने भारत की BRICS सदस्यता को “अमेरिका विरोधी” करार देते हुए इसे डॉलर के खिलाफ हमला बताया। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त कहा, लेकिन भारत के ऊंचे टैरिफ और व्यापार घाटे पर सवाल उठाए। यह खबर भारत-अमेरिका संबंधों में नई चुनौतियों की ओर इशारा करती है।
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भारत पर टैरिफ की घोषणा
30 जुलाई को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा, “हम भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा हैं, 100-175% तक।” उन्होंने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, “भारत हमारा दोस्त है, लेकिन उनके टैरिफ बहुत ऊंचे हैं और गैर-मौद्रिक व्यापारिक बाधाएं भी कड़ी हैं।” ट्रम्प ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने को भी निशाना बनाया, इसे यूक्रेन युद्ध के समय गलत कदम बताया।
BRICS को लेकर ट्रम्प की चिंता
ट्रम्प ने BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को “अमेरिका विरोधी” गठबंधन बताया और इसे अमेरिकी डॉलर के लिए खतरा माना। उन्होंने कहा, “BRICS डॉलर पर हमला कर रहा है, और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।” भारत की BRICS सदस्यता पर सवाल उठाते हुए ट्रम्प ने कहा कि यह टैरिफ का एक कारण है। हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि वह डॉलर को कमजोर करने की कोशिश नहीं कर रहा, बल्कि स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देना चाहता है।
भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्ते
ट्रम्प ने कहा कि भारत अमेरिका को बहुत सामान बेचता है, लेकिन अमेरिका भारत से कम खरीदता है क्योंकि भारत के टैरिफ बहुत ऊंचे हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत अब अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने को तैयार है। “हम देखेंगे कि क्या होता है। इस हफ्ते के अंत तक सब साफ हो जाएगा,” ट्रम्प ने कहा। 1 अगस्त से टैरिफ लागू होने की बात ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, लेकिन बातचीत से उम्मीद बनी हुई है।
क्या होगा भारत पर असर?
भारत के लिए यह टैरिफ और पेनल्टी निर्यात पर बड़ा असर डाल सकते हैं। खासकर, छह भारतीय कंपनियों पर ईरान के तेल व्यापार के लिए लगाए गए प्रतिबंधों ने चिंता बढ़ाई है। फिर भी, भारत के विदेश मंत्रालय ने संयम बरतते हुए कहा कि वह ट्रम्प के बयानों का अध्ययन कर रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते की उम्मीद बरकरार है, लेकिन BRICS और रूस के मुद्दे ने इसे जटिल बना दिया है।
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उम्मीद की किरण
ट्रम्प ने मोदी को दोस्त कहकर रिश्तों में गर्मजोशी दिखाई, लेकिन टैरिफ की धमकी ने भारत के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। क्या भारत और अमेरिका इस गतिरोध से निकल पाएंगे? यह सवाल हर भारतीय के मन में है, जो अपने देश की आर्थिक मजबूती और वैश्विक रिश्तों को देख रहा है।