
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ते हुए लगातार सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे नेता का रिकॉर्ड बनाया। पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के 4,078 दिन पूरे कर लिए हैं, जो इंदिरा गांधी के 4,077 दिनों के लगातार कार्यकाल से एक दिन अधिक है। जवाहरलाल नेहरू अभी भी 16 साल और 286 दिनों के साथ पहले स्थान पर हैं।
स्वतंत्रता के बाद जन्मे पहले पीएम का रिकॉर्ड
नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता के बाद जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इतना लंबा कार्यकाल पूरा किया। वह गैर-कांग्रेसी नेताओं में पहले ऐसे पीएम हैं, जिन्होंने दो पूर्ण कार्यकाल पूरे किए और लगातार तीन लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी को जीत दिलाई। इसके अलावा, मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2002, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों के साथ 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी जीत दर्ज की। यह उपलब्धि उन्हें सभी भारतीय नेताओं में अनूठा बनाती है।
पूर्ण बहुमत के साथ सरकार
पीएम मोदी ने न केवल लंबे समय तक शासन किया, बल्कि वह पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाई। 1971 में इंदिरा गांधी के बाद वह पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाई। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार तीन आम चुनाव जीते, जो नेहरू के बाद किसी अन्य नेता के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है।
ये भी पढ़ें: भाजपा में बदलाव की तैयारी: नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मोदी कैबिनेट में भी फेरबदल तय
गुजरात से दिल्ली तक का सफर
नरेंद्र मोदी का नेतृत्व केवल केंद्र तक सीमित नहीं है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 12 साल से अधिक समय तक सेवा की और फिर केंद्र में 11 साल से ज्यादा समय तक सरकार का नेतृत्व किया। कुल मिलाकर, वह 24 साल तक सरकार के मुखिया रहे हैं, जो एक रिकॉर्ड है। गैर-हिंदी भाषी राज्य से आने वाले वह पहले नेता हैं, जिन्होंने इतने लंबे समय तक शासन किया।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी का यह रिकॉर्ड उनकी रणनीतिक सोच और जनता के बीच लोकप्रियता को दर्शाता है। उनकी नीतियों और नेतृत्व ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक मंच पर भी देश की स्थिति को मजबूत किया है। यह उपलब्धि भाजपा के लिए भी एक मील का पत्थर है, जो 2029 के लोकसभा चुनावों की ओर बढ़ रही है।
ये भी पढ़ें: जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा: राष्ट्रपति भवन में अनियोजित मुलाकात ने मचाई हलचल