
स्वास्थ्य कारण या कुछ और?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, धनखड़ ने सोमवार रात 9 बजे बिना पूर्व नियोजित कार्यक्रम के राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। आधे घंटे बाद, उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा एक्स पर सार्वजनिक कर दी। अपने पत्र में धनखड़ ने लिखा, “स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।”
ये भी पढ़ें: उर्फी जावेद का चेहरा सूजा, वायरल वीडियो से मचा हंगामा
राष्ट्रपति भवन में मची खलबली
राष्ट्रपति भवन, जहां हर गतिविधि सख्त प्रोटोकॉल के तहत होती है, वहां धनखड़ का अचानक पहुंचना एक असामान्य घटना थी। सूत्रों के अनुसार, उनकी अप्रत्याशित मौजूदगी ने कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया। एक सहायक (एडीसी) ने तुरंत सैन्य सचिव को सूचित किया, और जल्दबाजी में राष्ट्रपति के साथ बैठक का आयोजन किया गया। इस मुलाकात के तुरंत बाद धनखड़ ने इस्तीफा घोषित किया, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए।
राजनीतिक हलकों में अटकलें
धनखड़ का इस्तीफा मानसून सत्र के पहले दिन आया, जब वे राज्यसभा के सभापति के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे थे। विपक्ष ने इस इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे “जबरन” करार दिया, जबकि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने दावा किया कि धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि धनखड़ पूरी तरह स्वस्थ हैं, जिससे स्वास्थ्य कारणों पर संदेह गहरा गया है।
क्या है असली वजह?
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि धनखड़ ने विपक्ष के एक प्रस्ताव को स्वीकार किया था, जिसमें जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की मांग थी। यह कदम सरकार को रास नहीं आया, क्योंकि सरकार इसे लोकसभा में लाना चाहती थी। इस मुद्दे पर असहमति ने इस्तीफे को और रहस्यमय बना दिया।
ये भी पढ़ें: वॉर 2: नए पोस्टर में ऋतिक रोशन का धमाकेदार लुक