
दिल्ली सरकार ने हाल ही में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। इस फैसले का मकसद राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना था। लेकिन अब सरकार ने इस फैसले पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा है।
सरकार ने क्यों बदला फैसला?
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पत्र लिखकर निर्देश संख्या 89 के लागू होने पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक पूरे एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) सिस्टम पूरी तरह लागू नहीं हो जाता, तब तक इस फैसले को लागू करना व्यावहारिक नहीं है। मंत्री ने पत्र में लिखा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से वायु गुणवत्ता में सुधार आ रहा है, ऐसे में इस तरह का प्रतिबंध अभी लागू नहीं किया जाना चाहिए।
क्या है एएनपीआर सिस्टम?
एएनपीआर यानी ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम एक ऐसी तकनीक है, जिससे वाहनों की नंबर प्लेट अपने आप स्कैन हो जाती है। इससे यह पता लगाना आसान हो जाता है कि कौन सा वाहन कब और कहां चल रहा है, और उसकी उम्र कितनी है। सरकार का कहना है कि जब तक यह सिस्टम पूरे एनसीआर में लागू नहीं हो जाता, तब तक पुराने वाहनों पर तेल भरवाने की रोक व्यावहारिक नहीं है।
लोगों को क्या राहत मिलेगी?
सरकार के इस कदम से फिलहाल दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों को राहत मिलेगी। अब इनके वाहनों में तेल भरवाने पर रोक नहीं लगेगी, जब तक कि नई तकनीक पूरी तरह लागू नहीं हो जाती। सरकार ने साफ किया है कि वह वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर है, लेकिन किसी भी फैसले को लागू करने से पहले सभी जरूरी तैयारियां पूरी करना चाहती है।